कांग्रेस से कहीं छिन न जाए ‘हाथ’, भाजपा नेता की याचिका पर चुनाव आयोग करेगा सुनवाई
कांग्रेस से कहीं छिन न जाए ‘हाथ’, भाजपा नेता की याचिका पर चुनाव आयोग करेगा सुनवाई, चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद भी कांग्रेसी पार्टी का चुनाव चिन्ह अपने साथ रखते हैं, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता है। इसलिए पंजे के निशान को रद किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली,। भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह (पंचा) पर आपत्ति जताई है। उनका आरोप है कि कांग्रेस के नेता और समर्थक हमेशा अपने साथ पार्टी का चुनाव चिन्ह लेकर चलते हैं। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद भी कांग्रेसी पार्टी का चुनाव चिन्ह अपने साथ रखते हैं, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता है। इसलिए पंजे के निशान को रद किया जाना चाहिए। पंजे (हाथ) के निशान को रद करने की याचिका पर चुनाव आयोग ने एक कमेटी बनाई है। इस मामले पर चुनाव आयोग में 18 अप्रैल को सुनवाई होगी।
पंजे (हाथ) के निशान को रद करने की याचिका भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय दाखिल की है। याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने पहले सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी लगाई थी। उपाध्याय की दलील है कि हाथ का पंजा मानव अंग है। मतदान केंद्र के 150 मीटर दायरे में चुनाव चिन्ह लेकर जाने पर पाबंदी है, लेकिन हाथ का पंजा कैसे दूर किया जा सकता है? लेकिन उपाध्याय को सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगी, क्योंकि कोर्ट ने कहा कि चुनाव चिन्ह देना चुनाव आयोग का अधिकार क्षेत्र है, लिहाज़ा वहीं जाइए। चुनाव आयोग ने अब इस मुद्दे पर एक कमेटी बनाकर 18 अप्रैल को सुनवाई का फैसला किया है।
अश्विनी उपाध्याय ने कांग्रेस नेताओं पर चुनाव चिन्ह का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बावजूद कांग्रेसी नेता अपने पंचे को दिखाकर मतदाताओं को लुभाते हैं। यहां तक की पोलिंग बूथ के भीतर भी नेता पंचे के निशान को दिखाते हैं, जो नियमों को सीधे-सीधे उल्लंघन है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में आ सिर्फ एक महीने का समय रह गया है, इसलिए चुनाव चिन्ह का ये मुद्दा और गरमा गया है।
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