मुख्यमंत्री योगी ने विभाग बंटवारे में पुराने नेताओं को दी अहमियत
इंडिया वोट कर टीम के अनुसार
शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने मंत्रियों को विभागों का बंटवारा करते हुए पार्टी के समर्पित नेताओं को भारी भरकम विभाग दिए, जबकि अन्य दलों से आए नेता हल्के विभाग ही पा सकें। बुधवार को किए विभाग आवंटन में मुख्यमंत्री योगी ने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तुलना में कम ही विभाग अपने पास रखें है।
गृह विभाग को लेकर जारी खींचतान का पटाक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कानून व्यवस्था ठीक करने को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए गृह विभाग को अपने पास रहा है। वहीं खनन जैसे विवादित विभाग को किसी अन्य मंत्री को न देकर सावधानी बरतने का प्रयास किया है। बता दें कि विगत बसपा और सपा शासनकाल में अवैध खनन को ले कर सरकारों की खूब किरकिरी हुई थी।
उपमुख्यमंत्रियों को भी अहम विभाग: मुख्यमंत्री ने दोनों उप मुख्यमंत्रियों को भी महत्वपूर्ण विभाग प्रदान किए है। केशव प्रसाद मौर्य को लोक निर्माण विभाग सौंप कर विकास को सरकार की वरीयता में शामिल होने का संदेश दिया। वहीं दिनेश शर्मा को माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंप उनके अनुभव को लाभ उठाने का प्रयास किया है।
22 कैबिनेट मंत्रियों में सुरेश खन्ना को संसदीय कार्य और निगम विकास जैसा विभाग सौंपे है। सदन संचालन में सुरेश खन्ना का संसदीय अनुभव काम आएगा। वहीं इस वर्ष प्रस्तावित निकाय चुनाव भी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। नगर विकास विभाग खन्ना को सौंप कर नेतृत्व ने निकाय चुनाव पर फोकस करने का संदेश का दिया। पुरानों को ही महत्वपूर्ण विभाग देते हुए श्रीकांत शर्मा को ऊर्जा व राजेश अग्रवाल को वित्त, सूर्य प्रताप शाही को कृषि, धर्मपाल को सिंचाई, सतीश महाना को औद्योगिक विकास, रमापति शास्त्री को समाज कल्याण अनुसूचित जाति, जयप्रताप सिंह को आबकारी एवं मद्य निषेध, सिद्धार्थ नाथ सिंह को चिकित्सा एंव स्वास्थ्य,आशतोष टंडन को प्राविधिक शिक्षा व चिकित्सा शिक्षा और मुकुट बिहारी वर्मा को सहकारिता विभाग सौंपा है। माना जा रहा है कि भाजपा अब सहकारिता के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में पकड़ मजबूत करने और कैडर के कार्यकर्ताओं को ताकत देने की पहल करेगी।
Source : Dainik Jagran
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