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उत्‍तराखंड चुनाव 2017: भाजपाई असंतुष्टों का चुनावी जंग का ऐलान

इंडिया वोट कर टीम के अनुसार
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने कांग्रेस के बागियों को टिकट दे कांग्रेसी से कांग्रेसी को भिड़ाने का दांव तो चल दिया मगर अब कुछ इसने और कुछ अन्य कारणों ने पार्टी के भीतर ही बगावत की चिंगारी को हवा दे दी है। सूबे की बीस से ज्यादा सीटों पर मजबूती से दावेदारी करने के बावजूद पार्टी टिकट हासिल कर पाने में नाकाम रहे भाजपाइयों ने चुनाव मैदान में उतरने का खुला ऐलान कर दिया है। हालात से चिंतित भाजपा ने रूठों को मनाने की कवायद भी शुरू कर दी है।

भाजपा यूं तो प्रत्याशी घोषित करने के मामले में अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से आगे रही मगर अब पार्टी को, टिकट न मिलने से खफा हुए वरिष्ठ नेताओं के बागी तेवरों से जूझना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि जगह-जगह पार्टी नेताओं के पुतले जलाए जा रहे हैं और इस्तीफों का दौर भी चल रहा है। पुरोला में पार्टी के झंडे फूंके गए और पूर्व विधायक राजकुमार ने मैदान में उतरने की घोषणा कर दी। कोटद्वार में असंतुष्ट पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत ने बैठक कर चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया। पौड़ी सुरक्षित सीट पर पूर्व विधायक बृजमोहन कोटवाल के साथ ही एक पूर्व जिलाध्यक्ष ने ताल ठोक दी है।

पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने केदारनाथ से निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी तो नरेंद्र नगर से पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत चुनाव मैदान में उतरने की मंशा जाहिर कर चुके हैं। रुद्रप्रयाग सीट पर पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने चुनाव लड़ने का अपना दावा बरकरार रखा है।
अल्मोड़ा से पूर्व विधायक कैलाश शर्मा ने भी बगावत कर दी है। उधर, टिकट आवंटन से खफा बागेश्वर की पूरी जिला कार्यकारिणी ने भूपेश उपाध्याय के समर्थन में इस्तीफा दे दिया है। उपाध्याय स्वयं कपकोट से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं।

Source : Dainik Jagran






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