अखिलेश का चेहरा बता रहा कि बाजी हार गए
इंडिया वोट कर टीम के अनुसार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां चुनावी सभा के दौरान सपा-कांग्रेस गठबंधन को खूब घेरा, हालांकि बसपा के बारे में बोलने से बचे। मोदी ने जाति, धर्म के नाम पर सुविधाएं दिए जाने पर कहा कि पिछड़ों से पूछो तो कहते हैं यादवों को लाभ मिल रहा है। यादवों से पूछो तो कहते हैं कि एक परिवार को, कोई कहता हैं कि मुस्लिमों को। हम तो गैस बांट रहे हैं, उसमें जाति, धर्म नहीं देख रहे हैं। रमजान में बिजली मिले तो दीपावली में भी पूरी आपूर्ति हो। अगर होली पर दो तो ईद पर भी बिजली दो। गांव में कब्रिस्तान बने तो श्मशान घाट भी। 1प्रधानमंत्री ने कहा कि तीसरे चरण में वोट डालने के बाद मैंने अखिलेश को खुद टीवी पर देखा। उनका चेहरा लटक गया था, आवाज में दम नहीं थी, डरे हुए थे, शब्द नहीं निकल रहे थे, जैसे कि बाजी हार गए हों।’ फतेहपुर में प्रधानमंत्री की इस सभा के लिए बांदा के प्रत्याशियों को भी बुलाया गया था। मोदी ने कहा कि अखिलेश का पहले सरकार बनाने का दावा तीसरे चरण में बड़े दल में आकर सिमट गया, सात चरण बाद क्या होगा यह आप लोग अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन को गायत्री प्रजापति जैसा ‘पवित्र’ बताते हुए चुटकी ली। भीड़ से संवाद के लहजे में कहा कि नोटबंदी, भ्रष्टाचार और दवाओं के दाम सस्ते किए जाने से विरोध में खड़े लोग खतरनाक हैं। कुछ भी कर सकते हैं। बताओ मेरी रक्षा कौन करेगा। उत्तर भीड़ ने दिया, कहा-‘हम करेंगे, हम करेंगे।’ 1राहुल गांधी का बिना नाम लिए प्रधानमंत्री बोले कि 27 साल यूपी बेहाल की यात्र करने गांव-गांव निकले थे। देखा कि हम डूब रहे हैं तो दूसरे डूबते का सहारा ले लिया। राहुल व अखिलेश जब दोनों रथ लेकर निकले तो पहले ही दिन पता चल गया कि हालात क्या हैं। बिजली के तार लटक रहे थे। राहुल तो तारों को देखकर डर गए लेकिन अखिलेश सीधे खड़े नजर आए, उन्हें पता था कि तार में करंट ही नहीं है। 2014 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस 9 से 12 सिलेंडर जैसा मुद्दा लेकर चुनाव लड़ने उतरी थी। इनकी सोचने की क्षमता और इरादे समझो। सरकार बनाने पर हमने कहा था कि इरादा तो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जैसा होना चाहिए कि आर्थिक संकट से निपटने के लिए उन्होंने एक टाइम भूखा रहने की अपील की थी, जनता ने कर दिखाया। 1एक हमने किया हर गरीब मां को निश्शुल्क गैस चूल्हा-कनेक्शन दिया। जब प्रदेश में सुरक्षा नहीं मिलेगी तो फिर उद्योग कौन लगाएगा। सूबे में गायत्री जैसे मंत्री भरे पड़े हैं, जिनके चलते प्रदेश में हत्या, लूट, दुष्कर्म जैसी घटनाओं के पीड़ित न्याय पाने के लिए तरस रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट को दखल देनी पड़ी । शर्मनाक बात तो यह है कि अखिलेश ने गायत्री के क्षेत्र से ही चुनाव अभियान शुरू किया था।
Source : Dainik Jagran
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